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Showing posts from March, 2017

Formatting and Loading Operating System in Hindi

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कम्‍प्‍यूटर मे विन्‍डोज आॅपरे‍टिंग सिस्‍टम इंस्‍टाल एवं लोड करना  Procedure - 1. किसी कम्‍प्‍यूटर को विन्‍डोज 7 की मदद से बूट एवं फारमेट करने के लिए सर्वप्रथम हम विन्‍डोज      7 की डी.वी.डी . , डी . वी.डी . रोम मे डालते हैं। तथा कम्‍प्‍यूटर को रि-स्‍टार्ट करते हैं। 2.बाओस सेटिग्‍स मे जाकर बूट आर्डर को बदल देते हैं एवं प्रथम स्‍थान पर सीडी /डीवीडी को कर सेेेव कर देते हैं। जिसके पश्‍चात् स्‍क्रीन पर निम्‍न मेसेज दिखाई देता है -   Press any Key to Continue to boot from Cd or Dvd ... यहॉं पर की-बोर्ड से कोई भी की दबा देते हैं जिससे बूटिंग की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है । 3. इसके पश्‍चात अगली विंडो मे लेंग्‍वेज , टाइम व करेन्‍सी फॉरमेट तथा की- बोर्ड लेआउट के बारे मे पूछा जाता है । जिसके बाद की विंडोज मे क्रमश: इंस्‍टाल नाउ के बटन पर क्लिक करते हैं तथा अगली विंडो मे टर्म व कंडीशन को एक्‍श्‍ोप्‍ट करते हैं । 4. इसके पश्‍चात अपग्रेड या कस्‍टम इ्ंस्‍टाल मे से एक ऑप्‍शन का चुनाव करते हैं विन्‍डोज को नए सिरे से इंस्‍टाल करने ...

Common Hardware and Software Issues and their Solution in Hindi

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कुछ सामान्‍य हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर समस्‍याऍं व उनके समाधान  कम्‍प्‍यूटर एक हार्डवेयर मशीन है इसको कई सारे उपकरणो को मिलाकर बनाया जाता है अत: इसको चलाते समय इसमे समस्‍या आ सकती है कम्‍प्‍यूटर मे आने वाली कुछ सामान्‍य समस्‍याऍं निम्‍नलिखित हैं - 1. कम्‍प्‍यूटर र्स्‍टार्ट नहीं हो रहा है। अर्थात  एलईडी या सीपीयू को पावॅर ना आ रहा है  कारण- कम्‍प्‍यूटर स्‍टार्ट नही होने के कही सारे कारण है परन्‍तु सबसे सामान्‍य कारण पावॅर केबिल मे  परेशानी  है।  उपाय- कम्‍प्‍यूटर को पावॅर नहीं मिल रही है तो सबसे प‍हले हमे पावॅर केबिल एवं इलेक्‍ट्रीसिटी बोर्ड को चेक करना चाहिए यदि वो दोनो सही है तो उसके पश्‍चात एसएमपीएस (स्विच मोड पॉवर सप्‍लाई ) को चेक करना चाहिए यदि एसएमपीएस मे समस्‍या है तो उसे बदल देना चाहिए यदि वह भी सही है तो फिर कम्‍प्‍यूटर मे लगे हुुुए विभिन्‍न हिस्‍सो को देखना चाहिए जैसे कि प्रोसेसर,हार्ड डिस्‍क,सीपीयू फेन,रेम इत्यादि यदि इनमे से किसी भी उपकरण मे कोई समस्‍या है तो उसे बदल देना चाहिए ।  2. कम्‍प्‍यूटर र्स्‍टाट नहीं ह...

BIOS Settings

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बायोस ( बेस‍िक इनपुट आउटपुट सेटिंग्‍स ) - यह एक साॅफ्टवेयर है जो कि रोम मे उपस्थित होता है । बायोस ही कम्‍प्‍यूटर मे आॅपरेटिंग सिस्‍टम लोड करने के लिए जिम्‍मेदार होता है ।                                                                 किसी सिस्‍टम का बायोस उसके बेसिक कार्यो के लिए जिम्‍मेदार होता है जैसे कि सिस्‍टम की टाइम व डेट , सिस्‍टम का बूट आर्डर अथवा प्रोससर और मेमोरी की गति । इसके द्वारा यह भी तय किया जाता है कि सिस्‍टम के कुछ फीचर्स जैसे यूएसबी पोर्ट , ऑन बोर्ड आडियो इनेबिल या डिसेबिल है । बायोस सेटिंग्‍स -   1.   बायोस सेटिंग्‍स खोलने के लिए जब हम कम्‍प्‍यूटर का पॉवर बटन दबाकर उसे स्‍टार्ट करते हैं तथा हमे एक इमेज (कम्‍प्‍यूटर निर्माणकर्ता का लोगो ) दिखाई दे उसी समय बायोस खोलने के लिए निर्धारित बटन को दबाकर हम बायोस को खोल सकते हैैं । सामान्‍यत:   F2,F8,F10, F11 ,F12 ,Del  का प्रयोग बायोस ...

Introduction to Booting Process

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बूटिंग प्रोसेस का परिचय   बूटिंग -  ब‍ूटिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा ऑपरेटिंग सिस्‍टम कम्‍प्‍यूटर की मेमारी मे लोड होता है एवं ऑपरेटिंग सिस्‍टम लोड हो जाता है । जब यूजर के द्वारा कम्‍प्‍यूटर को स्‍टार्ट किया जाता है तो सबसे पहले क्रियान्वित होने वाली प्रक्रिया बूटिंग ही है ।               बूटिंग दो प्रकार की होती है - 1 वार्म बूटिंग   2. कोल्‍ड बूटिंग               जब कम्‍प्‍यूटर को रिस्‍टार्ट किया जाता है तो वह बार्म बूटिंग कहलाती है एवं जब कम्‍प्‍यूटर बंद होता है तथा उसे स्‍टार्ट करते है तो उसे कोल्‍ड बूटिंग कहते हैं ।  बूटिंग प्रक्रिया ।. जब कम्‍प्‍यूटर को स्‍टार्ट किया जाता है तो सर्वप्रथम कम्‍प्‍यूटर एक सिग्‍नल मदरबोर्ड को भेजता है जिसके बाद मदरबोर्ड सभी संबंधित हिस्‍सो मे उचित मात्रा मे पाॅवर पहुँचाता है जब सभी डिवाइस तक सही मात्रा मे पॉवर पहुँच जाती है तब एक पॉवर ओके (POWER SIGNAL) बाओस (बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्‍टम ) तक पहुँच जाता है। बाओस एक प्रोग्राम है जो ...

Introduction to Various Processors

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              माइक्रो प्रोसेसर की परिभाषा, बिशेषताऍं एवं प्रकार   माइक्रोप्रोसेसर -   माइक्रोप्रोसेसर या सी.पी.यू. का कार्य कम्‍प्‍यूटर मे होने वाली प्रत्‍येक गणितीय एवं तार्किक क्रियाओ को पूरा करना , होता है इसे कम्‍प्‍यूटर को मस्तिष्‍क भी कहा जाता है ।  यह एक प्रोसेसर है जो माइक्रो कम्‍प्‍यूटरों मे प्रयुक्‍त होने के कारण माइक्रोप्रोसेसर कहलाता है ।  माइक्रोप्रोसेसर मे किसी निर्देश का संपन्‍न होना -   किसी मशीन लेवल इंस्‍ट्रक्‍शन का क्रियान्‍वयन दो भागो मे होता है  1 इंंस्‍ट्रक्‍शन फेज ( निर्देश भाग)   2. एक्‍जीक्‍यूशन फेज   (क्रियान्‍वयन भाग) 1. इंस्‍ट्रक्‍शन फेज मे सर्वप्रथम कंट्रोल यूनिट के द्वारा मेमोरी से पढ़ा जाता है । इसके बाद उस इंस्‍ट्रक्‍शन या निर्देश को सेंट्रल प्रोसेसर द्वारा डिकोड किया जाता है अर्थात समझकर उससे संबंधित डाटा को मेमाेेरी से निकाला जाता है ।  2. एक्‍जीक्‍यूशन फेज मे एएलयू के द्वारा उस निर्देश का क्रियान्‍वयन किया जाता है  इंस्‍ट्रक्‍श्‍ान टाइम - कि...

Introduction to Windows Operating System -2

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विन्‍डोज ऑपरेटिंग सिस्‍टम का परिचय - 2 विन्‍डोज ऑपरेटिंग सिस्‍टम की विशेषताऍंं -  1. ग्राफिकल यूजर इंटरफेस - लगभग सभी विन्‍डोज ऑपरेटिंग सिस्‍टम ग्राि‍फिकल यूजर इंटरफेस प्रदान करते हैं इसके कारण यूजर आसानी से एक एप्‍लीकेशन से दूसरी एप्‍लीकेशन तक पहुँच सकते हैं । एवं अत्‍यधिक सरलता से कम्‍प्‍यूटर का  प्रयोग कर सकते हैं ।  2. विन्‍डोज ईजी ट्रांंसफर - कम्‍प्‍यूटर बदलते समय या ऑपरेि‍टिंग सिस्‍टम बदलते समय सबसे    पहले हम पुरानी फाइल्‍स को नए कम्‍प्‍यूटर मे डालना चाहते हैै ।   हम  अपने पुराने कम्‍प्‍यूटर की फाइल्‍स , यूजर अकाउन्‍ट , फाइल्‍स्‍ा व फोल्‍डर , प्रोग्राम सेटिंग्‍स  इत्‍यादि सभी सेटिंग्‍स नये कम्‍प्‍यूटर मे डाल सकते हैं । इसके लिए हम केबल , सीडी , डीवीडी , यूएसबी  फ्लेश ड्राइव , नेटवर्क केबल  या एक एक्‍सर्टनल हार्ड डिस्‍क से यह ट्रांसफर कर सकते हैं ।  3. विन्‍डोज एनीटाइम अपग्रेड - इस फीचर की सहायता से हम अपने विन्‍डोज ओएस को कभी भी कोई दूसरे नवीन विन्‍डोज ओएस मे बदल सकते हैं । 4. सर्चिंग एंंड आर्गनाइजिंग - ...

Introduction to Windows Operating System -1

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विन्‍डोज ऑपरेटिंग सिस्‍टम का परिचय विन्‍डोज का इतिहास -   विन्‍डोज , माइक्रोसॉफ्ट कम्‍पनी के द्वारा बनाया गया एक ऑपरेटिंग सिस्‍टम है जो कि यूजर को ग्राफिकल यूजर इंटरफेस प्रदान करता है । माइक्रो सॉफ्ट  ने सर्वप्रथम अगस्‍त्‍ा 1981 मे माइक्रोसाफ्ट डिस्‍क ऑपरेटिंग सिस्‍टम (एमएस - डॉस ) नामक ऑपरेि‍टिंग सिस्‍टम बाजार मे उतारा था जो कि एक कमाण्‍ड लाइन इंटरफेस प्रदान करता था ।                                                                                    माइक्राेेसाॅफ्ट विन्‍डोज का प्रथम संस्‍करण विन्‍डोज 1.0 नवम्‍बर 1985 मे  बाजार मे आया था जिसमे ग्राफिकल यूजर इंटरफेस था , यह संस्‍करण सामान्‍य रूप से सफल नही हो पाया था परन्‍तु माइक्रोसाफ्ट ने 9 दिसम्‍बर 1987 को विन्‍डोज 2.0 के नाम से  विन्‍डोज का दूसरा संस्‍करण निकाला परन्‍तु वह भी बहुत ज्‍यादा सफल नही हो ...

Types of Operating System

ऑपरेटिंग सिस्‍टम के प्रकार  कम्‍प्‍यूटर के विकास के साथ - साथ उसमे चलाए जाने वाले ऑपरेटिंग   सिस्‍टम का विकास भी होता रहा है , इस प्रकार ऑपरेटिंग सिस्‍टम निम्‍न प्रकार के हैं -  1. बेच प्रोसेसिंग सिस्‍टम [Batch Processing System]।  2.टाइम शेयरिंंग या मल्‍टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम [Time Sharing Or Multi User  Operating    System]  3. मल्‍टी टॉस्किंंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम [Multi Tasking Operating System]।  4. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम [Real Time Operating System] ।  5. मल्‍टी प्रोसेसर ऑपरेटिंग सिस्‍टम [Multi Processing Operating System]।  6. एम्‍बेडेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम [Embedded Operating System] ।  7. डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम [Distributed Operating System] ।  1.  बेच प्रोसेसिंग सिस्‍टम [Batch Processing System]-  बेच प्रोसेसिंग सिस्‍टम  कम्‍प्‍यूटर मे सबसे पहले उपयोग हुए ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे से एक है । बेच ऑपरेटिंग सिस्‍टम के यूजर इसको स्‍वयं उपयोग करने के बजाए अपने जॉब (कार्य को ) ...

Operating System :Definition and features

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            आॅपरेटिंग सिस्‍टम की परिभाषा एवं विशेषताऍं  अाॅ परे टिंग सिस्‍टम -  आॅ परे टिंग सिस्‍टम ऐसा साॅ फ्टवेयर या प्रो ग्राम है जो यूजर एवं हार्डवेयर के बीच मध्‍यस्‍थ का कार्य करता है । इसे संक्ष्‍ेाप मे ओएस भी क हते हैं । इसका मुख्‍य उद्येश्‍य यूजर को एक ऐसा वाता वर ण प्रदान करना है जिसमे  वह सुविधा जनक रूप से कम्‍प्‍यूटर का उपयोग कर स के । सा मान्‍यत : ऑपरे टिंग सिस्‍टम दो तरीके के इंटर फेस प्रदान करता  है -  1. कमांड ला इन इंटर फेस [ CLI ] - इस प्रकार के वातावरण वाले आॅ परेटिंग सिस्‍टम मे यू जर किसी भी कार्य को करने के लिए कमांड का   उपयोग करते हैं  । एवं मा ऊस का  उपयोग नही किया जा ता  है । आजकल इ स प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्‍टम का  ज्‍यादा उपयोग न ही किया जा ता है । उदा हरण के लिए - डॉ स , यू निक्‍ स के पूर्व संस्‍करण (वर्जन) इत्‍यादि।    2. ग्रा फिकल यूजर इंटर फेस [G UI ] - इस प्र कार के वातावरण वाले आॅ परेटिंग सिस्‍टम मे कमाण्‍ड या द रखने की आवश्‍यकता नही होती बल्कि उसके स्थान...