Operating System :Definition and features
आॅपरेटिंग सिस्टम की परिभाषा एवं विशेषताऍं
अाॅपरेटिंग सिस्टम - आॅपरेटिंग सिस्टम ऐसा साॅफ्टवेयर या प्रोग्राम है जो यूजर एवं हार्डवेयर के बीच मध्यस्थ का कार्य करता है । इसे संक्ष्ेाप मे ओएस भी कहते हैं । इसका मुख्य उद्येश्य यूजर को एक ऐसा वातावरण प्रदान करना है जिसमे वह सुविधाजनक रूप से कम्प्यूटर का उपयोग कर सके । सामान्यत: ऑपरेटिंग सिस्टम दो तरीके के इंटरफेस प्रदान करता है -
1. कमांड लाइन इंटरफेस [CLI] - इस प्रकार के वातावरण वाले आॅपरेटिंग सिस्टम मे यूजर किसी भी कार्य को करने के लिए कमांड का उपयोग करते हैं । एवं माऊस का उपयोग नही किया जाता है । आजकल इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का ज्यादा उपयोग नही किया जाता है । उदाहरण के लिए - डॉस , यूनिक्स के पूर्व संस्करण (वर्जन) इत्यादि।
2. ग्राफिकल यूजर इंटरफेस [GUI] - इस प्रकार के वातावरण वाले आॅपरेटिंग सिस्टम मे कमाण्ड याद रखने की आवश्यकता नही होती बल्कि उसके स्थान पर चित्रो , आइकनो एवं अन्य ग्राफिकल के माध्यम से माऊस का उपयोग करते हुए इसे चलाया जा सकता है । आजकल उपयोग किए जाने वाले सभी आॅपरेटिंग सिस्टम इसी प्रकार के है जैसे - विन्डोज , लाइनिक्स के नवीन संस्करण , मेक ओएस इत्यादि ।
किसी कम्प्यूटर के बूट होने के पश्चात् ऑपरेटिंग सिस्टम वह पहला प्रोग्राम होता है जो कि यूजर के सामने दिखाई देता है ।
ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएॅं
1. मेमोरी मेनेजमेंट - विभिन्न प्रोसेस को प्राइमरी मेमोरी प्रदान करने का कार्य आॅपरेटिंग सिस्टम के द्वारा ही किया जाता है ।
2. सीपीयू शेडृयूलिंग - प्रोसेसर या सीपीयू की विभिन्न प्रोसेसर साइकिल का सर्वोत्तम उपयोग करना शेडृयूलिंग कहलाता है । सीपीयू शेड्यूलिंग का कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किया जाता है ।
3. डिवाइस मेनेजमेंट - सभी डिवाइस पर नियंत्रण रखता है इस प्रक्रिया के दौरान इनपुट / आउटपुट कंट्रोलर (I/O Controller) नामक प्राेग्राम सभी डिवाइस पर नजर रख यह निर्णय लेता है कि किस डिवाइस को कब और कितना समय देना है ।
4. फाइल मेनेजमेंट - फाइल सिस्टम मुख्य रूप से डायरेक्ट्री स्ट्रक्चर पर आधारित होता है अर्थात फाइले विभिन्न डायरेक्ट्री मे सेव होती है जिसके फलस्वरूप कम्प्यूटर चलाना एवं फाइलो का उपयोग आसानी से किया जा सकता है । ऑपरेटिंग सिस्टम सभी फाइलो की जानकारी उसकी सेव होने की जगह उसके यूजर से संबंधित जानकारी इत्यादि , अपने पास रखता है ।
5. सिक्योिरिटी (सुरक्षा) - ऑपरेिटिंग सिस्टम कम्प्यूटर मे रखी हुई विभिन्न सूचनाओ व फाइलो को सुरक्षित रखने विभिन्न्ा यूजरो को उनको दी हुई परमीशन के आधार पर ही फाइल उपलब्ध कराना ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य है ।
6. नेटवर्क कम्यूनिकेशन - विभिन्न्ा कम्प्यूटरों के बीच नेटवर्क कम्यूनिकेशन करवाने का कार्य आॅपरेटिंग
सिस्टम के द्वारा किया जाता है ।
7. प्रिंट स्पूलिंग - मल्टीयूजर एवं नेटवर्क आॅपरेटिंग सिस्टम मे विभिन्न यूजरों के बीच प्रिंटिंग कार्यो को नियंत्रित करने का कार्य भी आॅपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किया जाता है ।
4. फाइल मेनेजमेंट - फाइल सिस्टम मुख्य रूप से डायरेक्ट्री स्ट्रक्चर पर आधारित होता है अर्थात फाइले विभिन्न डायरेक्ट्री मे सेव होती है जिसके फलस्वरूप कम्प्यूटर चलाना एवं फाइलो का उपयोग आसानी से किया जा सकता है । ऑपरेटिंग सिस्टम सभी फाइलो की जानकारी उसकी सेव होने की जगह उसके यूजर से संबंधित जानकारी इत्यादि , अपने पास रखता है ।
5. सिक्योिरिटी (सुरक्षा) - ऑपरेिटिंग सिस्टम कम्प्यूटर मे रखी हुई विभिन्न सूचनाओ व फाइलो को सुरक्षित रखने विभिन्न्ा यूजरो को उनको दी हुई परमीशन के आधार पर ही फाइल उपलब्ध कराना ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य है ।
6. नेटवर्क कम्यूनिकेशन - विभिन्न्ा कम्प्यूटरों के बीच नेटवर्क कम्यूनिकेशन करवाने का कार्य आॅपरेटिंग
सिस्टम के द्वारा किया जाता है ।
7. प्रिंट स्पूलिंग - मल्टीयूजर एवं नेटवर्क आॅपरेटिंग सिस्टम मे विभिन्न यूजरों के बीच प्रिंटिंग कार्यो को नियंत्रित करने का कार्य भी आॅपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किया जाता है ।
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