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Showing posts from 2017

एम. एस. ऑफिस का परिचय

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ऑफिस सुइट या ऑफिस सॉफ्टवेयर सुइट प्रोग्रामो का समूह है जो कि किसी ऑफिस मे किए जाने वाले कार्यो की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं ।  इन समूहो मे प्रयुक्‍त बेसिक सॉफ्टवेयर हैं - 1. वर्ड प्रो‍सेसिंग सॉफ्टवेयर 2. स्‍प्रेडशीट सॉफ्टवेयर 3. प्रेजेन्‍टेशन सॉफ्टवेयर इन बेसिक सॉफ्टवेयर के अलावा निम्‍न सॉफ्टवेयर भी ऑफिस सुइट मे शामिल होते हैं - 1. डाटाबेस मेनेजर 2. ईमेल - क्‍लाइंंट 3. पब्लिशिंग क्‍लांइट 4. प्रोजेक्‍ट मेनेजमेंट सॉफ्टवेयर 5. कोलोब्‍रेशन सॉफ्टवेयर 1. वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर  -  वर्ड प्रोसेसर ऐसे   सॉफ्टवेयर हैैं  जो कि  श्‍ाा‍ब्दिक या चित्रात्‍मक सूचना   को टाइप करने  उसमे सुधार करने एवंं प्रिंट  करने के लिए उपयेेाग  किए  जाते हैं ।  पहले यही कार्य टाइप राइटर के द्वारा किया  जाता थ्‍ाा परंतु  समय के साथ अब टाइपराइटर  के स्‍थ्‍ाान पर  कम्‍प्‍यूटर मे  वर्डप्रोसेसिंंग साॅफ्टवेयर ने ले लिया इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बहुत  जल्‍दी व आसानी से  त्रुटिहीन डाॅक्‍यूमेंट तैयार हो जाता ...

लाइनिक्‍स कमांड लाइन का परिचय

ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के पहले कमांड लाइन पर ही समस्‍त कार्य किया जाता था एवं आज भी सिस्‍टम एडमिनिस्‍ट्रेटर कमांड लाइन का प्रयोग कर कई कार्य संपन्‍न कराते हैं । कमांड लाइन का उपयोग करने के पहले यह जानना आवश्‍यक है कि लाइनिक्‍स मे कमांड को चलाने के लिए दो यूटिलिटी आवश्‍यक है 1. शेल ( अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें  )  एवं 2. ट‍र्मिनल इम्‍यूलेटर । टर्मिनल इम्‍यूलेटर एेसी यूटिलिटी है जो कि यूजर को शेल को एक्‍सेस करने की सुविधा देती है  उदाहरण के लिए जीनोम-टर्मिनल एवं कंसोल ।   कुछ लोकप्रिय लाइनिक्‍स कमांड - 1. ls कमांड - किसी स्‍थान पर फोल्‍डर / फाइल या डायरेक्‍ट्री देखने के लिए ls कमांड का प्रयोग किया जाता है । उदाहरण के लिए   ls /Application , एप्‍लीकेशन फोल्‍डर मे रख्‍ााी समस्‍त फाइल , डायरेक्‍ट्री या फोल्‍डर दर्शाता है । 2. cd कमांड - cd  कमांड का प्रयोग किन्‍ही दो डायरेक्‍ट्री के बीच स्‍थान परिवर्तन करने के लिए किया जाता है ।                     यदि हम किसी डायरेक्‍ट्री के अंदर जाना चाहते हैं तो...

लाइनिक्‍स शेल का परिचय

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शेल -  शेल एक यूजर प्रोग्राम या एक वातावरण है जो कि यूजर से प्राप्‍त कमांड्स को आपरेटिंग सिस्‍टम (लाइनिक्‍स या यूनिक्‍स ) को समझाता है अर्थात शेल्‍ा एक कमांड लाइन इंटरप्रिटर है जो कि यूजर से कीबोर्ड या किसी फाइल के द्वारा इनपुट प्राप्‍त करता है । शेल कर्नल का भाग नही है परन्‍तु यह कमांड को क्रियाि‍न्वित करने के लिए कर्नल का प्रयोग करता है । लाइनिक्‍स मे कई  शेल इस्‍तेमाल की जा सकती है जैसे कि - 1. बेश (BASH- BOURNE AGAIN SHELL) - अधिकांश लाइनिक्‍स ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे ये प्रयुक्‍त होती है ।इसे ब्राइन फॉक्‍स एवं चेट रेमी ने बनाया है । 2. सी शेल (C Shell) - इसका सिन्‍टेक्‍स एवं उपयोग बहुत  हद तक सी प्रोग्रामिंग लेंग्‍वेज से मिलता है । इसे बिल    जॉय ने बनाया है । 3. के शेल (Korn Shell) - इसे ए टी एंड टी लेब मे डेविड कोर्न ने बनाया था । 4. टीसीएसएच (TCSH) - ये यूनिक्‍स के सी शेल का उन्‍नत वर्जन है जो कि पिछले वर्जन को पूर्णत: सपोर्ट करता है । शेल स्क्रिप्‍ट - जब हम शेल के द्वारा किसी क्रम मे कमांड्स के समूूूह को चलाते हैं तो उन कमांड्स के समूह को...

लाइनिक्‍स ऑपरेटिंग सिस्‍टम के भाग

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लाइनिक्‍स ऑपरेटिंग सिस्‍टम  को  मुख्‍य रूप से तीन भागों मे बॉंंटा गया है । Components of Linux Operating System  1. कर्नल  2. सिस्‍टम लाइब्रेरी  3. सिस्‍टम यूटिलिटी  1. कर्नल -   कर्नल लाइ‍निक्‍स ऑपरेटिंंग सिस्‍‍‍‍टम का मुख्‍य भ्‍ााग है तथ्‍ाा यह लाइ‍निक्‍स के सभ्‍ाी मुख्‍य क्रियाकलापो के लिए उत्‍तरदायी है । इसमे कई  माड्यूल है एवं यह  हार्डवेयर के साथ सीधे ही बातचीत करता है । कर्नल   हार्डवेयर संबंधी जानकारी  को विभिन्‍न एप्‍‍‍‍लीकेश्‍ान प्राेगामो  सेे छुपा लेता है ।  2. सिस्‍टम लाइब्रेरी -    सिस्‍टम लाइब्रेरी वे  विशेेष फंक्‍शन या प्रोग्राम होते है जिनकी सहायता से लाइनिक्‍स के विभिन्‍न एप्‍लीकेशन प्रोग्राम कर्नल की विशेषताओं का उपयोग करते हैंं । इन लाइब्रेरी की सहायता से ऑपरेटिंग सिस्‍टम के अधिकतर कार्यो का इस्‍तेमाल किया जा सकता है । एवं इन्‍हे कर्नल के माडयूल से एक्‍सेस संबंधी अनुमति लेने की जरूरत नही होती है ।  3. सिस्‍टम यूटिलिटी -  सिस्‍टम यू‍टिलिटी प्राेग्राम एक वि...

लाइनिक्‍स ऑपरेटिंग सिस्‍टम का परिचय

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लाइनिक्‍स - लाइनिक्‍स एक लोकप्रिय ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्‍टम है जो कि यूनिक्‍स नामक ऑपरेटिंग सिस्‍टम  पर आध्‍ाारित है इसे हम यूनिक्‍स का एक सुध्‍ारा हुआ रूप कह सकते हैं । इसे सर्वप्रथ्‍ाम  5अक्‍‍‍‍‍टूबर1991 को लाइनस   टोरवाल्‍ड ने रिलीज किया था ।           लाइनिक्‍स को ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर कहा जाता है क्‍योंकि इसका समस्‍त कोड सभी व्‍यक्तियों के लिए उपलब्‍ध है एवं कोई भी व्‍यक्ति उस कोड मे सुधार कर उसको डिस्‍ट्रीब्‍यूट कर सकता है ।   लाइ‍िनक्‍स को एक कस्‍टमाइज पेकेज के रूप  मे प्रदान किया जाता है जिसको लाइनिक्‍स डिस्‍ट्रीब्‍यूशन  कहते है एवं ये पेकेज डेस्‍कटॉप एवं सर्वर दोनों के लिए बनाया जाता है | कुछ लोकप्रिय लाइनिक्‍स  डिस्‍ट्रीब्‍यूशन के  नाम है आर्क लाइनिक्‍स , CentOS,डेबियन , फेडोरा , जेंटो लाइनिक्‍स , लाइनिक्‍स मिंंट ,  openSUSE और यूबुुंटु एवं कुछ व्‍यापारिक रेंज डिस्ट्रीब्‍यूूूशन पेकेज  है जिन्‍हे उपयोग करने के लिए खरीदना पड़ता है जैसे कि रेड हेट इन्‍टरप्राइज लाइनिक्‍स और  सूसे  ...

ओपन सोर्स ऑपरे‍टिंग सिस्‍टम का परिचय

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ओपन सोर्स साॅफ्टवेयर - ये ऐसे साॅफ्टवेयर होते है  जिसका  इस्‍तेमाल , पुन:वितरण मुफ्त मे होता है साथ ही साथ इसका सोर्स कोड अर्थात कोडिंग भी सामान्‍य यूजर को एडिटिंग (सुध्‍ाार) के लिए उपलब्‍ध रहती है । एवं कोड मे परिवर्तन के फलस्‍वरूप जो नवीन साॅफ्टवेयर बना है उसका वितरण भी यूजर फ्री या कुछ शुल्‍क के साथ  कर सकता है । GPL [GENERAL PUBLIC LICENSE] के तहत आने वाले ओपन सोर्स साॅफ्टवेयर का कोड मे यदि यूजर सुधार करता है ताे उसे वह कोड भी फ्री ही वितरित करना होता है । सामान्‍य रूप से ओपन सोर्स सॉफ्टटवेयर के लिए डेवलपर का समूह (कम्‍यूनिटी ) कार्य करती है नाेट - NRCFOSS(नेशनल रिसाेर्स सेन्‍टर फॉर फ्री एण्‍ड ओपन सोर्स साॅफ्टवेयर) एक सरकारी संगठन है जो भारत मे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की वृद्धि करने के लिए बनाया  गया है । ओपन सोर्स साॅफ्टवेयर के उदाहरण - 1. लाइनिक्‍स - यह एक ऑपरेटिंग सिस्‍टम है एवं इस पर आ‍धारित कई सारे ऑपरेटिंग सिस्‍टम बनाये गए है । 2. जी.आई.एम.पी. (GIMP-GNU Image Manipulation Program) - यह फोटो मे सुधार करने का एक साॅफ्टवेयर है । 3. ओपन ऑफिस आर्ग [Open Of...

Introduction to M.S. Dos Part- 3

एम. एस. डॉस का परिचय - 3  एक्‍सर्टनल कमांड  1. Edit -   एडिट कमांड का प्रयोग किसी बनी हुई फाइल मे सुधार या बदलाव करने के लिए किया जाता है ।    उदाहरण -  C:\> Edit <Filename> 2. XCopy -   एक्‍स-कॉपी कमांड का प्रयोग  एक ड्राइव मे रखी हुई फाइल्‍स एवं ड्रायरेक्‍ट्रीयों को दूसरी ड्राइव मे कॉपी करने के लिए किया जाता है । उदाहरण -  C:\> XCopy  <Source Directory Name>  <Destination Directory Name> 3.CHKDSK - चेकडिस्‍क कमांड का प्रयोग डिस्‍क का स्‍टेटस बताने के लिए अर्थात डिस्‍क का सीरियल नंबर, वाल्‍यूम लेबिल, मेमोरी एवं , फाइल सिस्‍टम मे आई एरर को देखने के लिए किया जाता है । उदाहरण -  C:\>CHKDSK CHKDSK has NOT checked this drive for errors. You must use SCANDISK to detect and fix errors on this drive. Volume JAI created 10-19-2001 7:14p Volume Serial Number is 3E42-1907 4,203,073,536 bytes total disk space 381,988,864 bytes available on disk 4,096 bytes in each allocation unit 1,026,141 to...

Introduction to M.S. DOS in Hindi - 2

एम. एस. डॉस का परिचय - 2  इंटरनल कमांड्स -  1. Date -  डेट कमांड सिस्‍टम की वर्तमान डेट को बताता है एवं यूजर को नई डेट डालने के लिए प्राम्‍प्‍ट भी देता है । उदाहरण -   C:\ Date <Enter Date> 2. Time-   टाइम कमांड सिस्‍टम के वर्तमान टाइम को बताता है एवं यूजर को नया टाइम इंसर्ट करने की सुविधा भी देता है । उदाहरण -   C:\ Time <Enter Time> 3. CLS - इस कमांड का मुख्‍य उद्येश्‍य स्‍क्रीन को साफ करना है एवं नवीन प्राम्‍प्‍ट को स्‍क्रीन के ऊपरी बायी ओर प्रदर्शित करना है । उदाहरण -   C:\ cls 4.DIR - यह कमांड वर्तमान डायरेक्‍ट्री मे मौजूद फाइल्‍स एवं डायरेक्‍ट्री की संपूूर्ण सूची दिखाता है । उदाहरण -   C:\ dir     यह कमांड सी ड्राइव मे मौजूद समस्‍त फाइल्‍स एवं डायरेक्‍ट्री की सूची प्रदर्शित करेगा । 1.   C:\ dir/p  - यह कमांड प्राप्‍त सूची को स्‍क्रीन पर उपलब्‍ध स्‍थान के हिसाब से दर्शाता है एवं इंटर दबाने पर ही अगले परिणामो को दिखाता है (यदि परिणाम संपूर्ण स्‍क्रीन मे नही बन पा रहे हैं कम परिणाम होने की स्थ...

Introduction to Microsoft Disk Operating System [MS DOS] in Hindi -1

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एम. एस. डॉस का परिचय-1  एम एस डॉस का पूरा नाम माइक्रोसॉफ्ट डिस्‍क ऑपरेटिंग सिस्‍टम है जो कि कमाण्‍ड लाइन इंटरफेस पर कार्य करता है इसे   टिम पीटरसन के द्वारा बनाया गया था एवं माइक्रोसॉफ्ट कंंपनी के द्वारा अगस्‍त 1981 मे लांच किया इसमे माउस के स्‍थान पर कंमाड्स का प्रयोग किया जाता है।    1. यह एक सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम है । 2. इसका इंटरफेस कमांड लाइन इंटरफेस (CLI) या केरेक्‍टर यूजर इंटरफेस कहलाता है ।  3. इसमे फाइलो को रखने के लिए हिरेरीकल (अनुक्रम) डायरेक्‍ट्री सिस्‍टम मौजूद रहता है । अर्थात रूट डायरेक्‍ट्री के अंदर विभिन्‍न डायरेक्‍ट्री मौजूद रहती है । डायरेक्‍ट्री एक एेसा लॉजिकल  स्‍थान है जहॉं हम विभिन्‍न फाइल्‍स एवं डायरेक्‍ट्री को अलग- अलग समूहो मे वर्गीकृत कर सकते हैं ।   एम. एस डास मे मुख्‍य रूप से तीन फाइले मोजूद रहती है -  1. MSDOS.SYS -  2. IO.SYS - इसमे सिस्‍टम को शुरू करने से संबंधित कोड एवं बिल्‍ट इन डिवाइस ड्राइवर्स उपलब्‍ध रहते हैं ।    3. COMMAND.COM - ये डास का वह भाग है जो कि कमाण...

Formatting and Loading Operating System in Hindi

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कम्‍प्‍यूटर मे विन्‍डोज आॅपरे‍टिंग सिस्‍टम इंस्‍टाल एवं लोड करना  Procedure - 1. किसी कम्‍प्‍यूटर को विन्‍डोज 7 की मदद से बूट एवं फारमेट करने के लिए सर्वप्रथम हम विन्‍डोज      7 की डी.वी.डी . , डी . वी.डी . रोम मे डालते हैं। तथा कम्‍प्‍यूटर को रि-स्‍टार्ट करते हैं। 2.बाओस सेटिग्‍स मे जाकर बूट आर्डर को बदल देते हैं एवं प्रथम स्‍थान पर सीडी /डीवीडी को कर सेेेव कर देते हैं। जिसके पश्‍चात् स्‍क्रीन पर निम्‍न मेसेज दिखाई देता है -   Press any Key to Continue to boot from Cd or Dvd ... यहॉं पर की-बोर्ड से कोई भी की दबा देते हैं जिससे बूटिंग की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है । 3. इसके पश्‍चात अगली विंडो मे लेंग्‍वेज , टाइम व करेन्‍सी फॉरमेट तथा की- बोर्ड लेआउट के बारे मे पूछा जाता है । जिसके बाद की विंडोज मे क्रमश: इंस्‍टाल नाउ के बटन पर क्लिक करते हैं तथा अगली विंडो मे टर्म व कंडीशन को एक्‍श्‍ोप्‍ट करते हैं । 4. इसके पश्‍चात अपग्रेड या कस्‍टम इ्ंस्‍टाल मे से एक ऑप्‍शन का चुनाव करते हैं विन्‍डोज को नए सिरे से इंस्‍टाल करने ...

Common Hardware and Software Issues and their Solution in Hindi

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कुछ सामान्‍य हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर समस्‍याऍं व उनके समाधान  कम्‍प्‍यूटर एक हार्डवेयर मशीन है इसको कई सारे उपकरणो को मिलाकर बनाया जाता है अत: इसको चलाते समय इसमे समस्‍या आ सकती है कम्‍प्‍यूटर मे आने वाली कुछ सामान्‍य समस्‍याऍं निम्‍नलिखित हैं - 1. कम्‍प्‍यूटर र्स्‍टार्ट नहीं हो रहा है। अर्थात  एलईडी या सीपीयू को पावॅर ना आ रहा है  कारण- कम्‍प्‍यूटर स्‍टार्ट नही होने के कही सारे कारण है परन्‍तु सबसे सामान्‍य कारण पावॅर केबिल मे  परेशानी  है।  उपाय- कम्‍प्‍यूटर को पावॅर नहीं मिल रही है तो सबसे प‍हले हमे पावॅर केबिल एवं इलेक्‍ट्रीसिटी बोर्ड को चेक करना चाहिए यदि वो दोनो सही है तो उसके पश्‍चात एसएमपीएस (स्विच मोड पॉवर सप्‍लाई ) को चेक करना चाहिए यदि एसएमपीएस मे समस्‍या है तो उसे बदल देना चाहिए यदि वह भी सही है तो फिर कम्‍प्‍यूटर मे लगे हुुुए विभिन्‍न हिस्‍सो को देखना चाहिए जैसे कि प्रोसेसर,हार्ड डिस्‍क,सीपीयू फेन,रेम इत्यादि यदि इनमे से किसी भी उपकरण मे कोई समस्‍या है तो उसे बदल देना चाहिए ।  2. कम्‍प्‍यूटर र्स्‍टाट नहीं ह...

BIOS Settings

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बायोस ( बेस‍िक इनपुट आउटपुट सेटिंग्‍स ) - यह एक साॅफ्टवेयर है जो कि रोम मे उपस्थित होता है । बायोस ही कम्‍प्‍यूटर मे आॅपरेटिंग सिस्‍टम लोड करने के लिए जिम्‍मेदार होता है ।                                                                 किसी सिस्‍टम का बायोस उसके बेसिक कार्यो के लिए जिम्‍मेदार होता है जैसे कि सिस्‍टम की टाइम व डेट , सिस्‍टम का बूट आर्डर अथवा प्रोससर और मेमोरी की गति । इसके द्वारा यह भी तय किया जाता है कि सिस्‍टम के कुछ फीचर्स जैसे यूएसबी पोर्ट , ऑन बोर्ड आडियो इनेबिल या डिसेबिल है । बायोस सेटिंग्‍स -   1.   बायोस सेटिंग्‍स खोलने के लिए जब हम कम्‍प्‍यूटर का पॉवर बटन दबाकर उसे स्‍टार्ट करते हैं तथा हमे एक इमेज (कम्‍प्‍यूटर निर्माणकर्ता का लोगो ) दिखाई दे उसी समय बायोस खोलने के लिए निर्धारित बटन को दबाकर हम बायोस को खोल सकते हैैं । सामान्‍यत:   F2,F8,F10, F11 ,F12 ,Del  का प्रयोग बायोस ...

Introduction to Booting Process

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बूटिंग प्रोसेस का परिचय   बूटिंग -  ब‍ूटिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा ऑपरेटिंग सिस्‍टम कम्‍प्‍यूटर की मेमारी मे लोड होता है एवं ऑपरेटिंग सिस्‍टम लोड हो जाता है । जब यूजर के द्वारा कम्‍प्‍यूटर को स्‍टार्ट किया जाता है तो सबसे पहले क्रियान्वित होने वाली प्रक्रिया बूटिंग ही है ।               बूटिंग दो प्रकार की होती है - 1 वार्म बूटिंग   2. कोल्‍ड बूटिंग               जब कम्‍प्‍यूटर को रिस्‍टार्ट किया जाता है तो वह बार्म बूटिंग कहलाती है एवं जब कम्‍प्‍यूटर बंद होता है तथा उसे स्‍टार्ट करते है तो उसे कोल्‍ड बूटिंग कहते हैं ।  बूटिंग प्रक्रिया ।. जब कम्‍प्‍यूटर को स्‍टार्ट किया जाता है तो सर्वप्रथम कम्‍प्‍यूटर एक सिग्‍नल मदरबोर्ड को भेजता है जिसके बाद मदरबोर्ड सभी संबंधित हिस्‍सो मे उचित मात्रा मे पाॅवर पहुँचाता है जब सभी डिवाइस तक सही मात्रा मे पॉवर पहुँच जाती है तब एक पॉवर ओके (POWER SIGNAL) बाओस (बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्‍टम ) तक पहुँच जाता है। बाओस एक प्रोग्राम है जो ...

Introduction to Various Processors

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              माइक्रो प्रोसेसर की परिभाषा, बिशेषताऍं एवं प्रकार   माइक्रोप्रोसेसर -   माइक्रोप्रोसेसर या सी.पी.यू. का कार्य कम्‍प्‍यूटर मे होने वाली प्रत्‍येक गणितीय एवं तार्किक क्रियाओ को पूरा करना , होता है इसे कम्‍प्‍यूटर को मस्तिष्‍क भी कहा जाता है ।  यह एक प्रोसेसर है जो माइक्रो कम्‍प्‍यूटरों मे प्रयुक्‍त होने के कारण माइक्रोप्रोसेसर कहलाता है ।  माइक्रोप्रोसेसर मे किसी निर्देश का संपन्‍न होना -   किसी मशीन लेवल इंस्‍ट्रक्‍शन का क्रियान्‍वयन दो भागो मे होता है  1 इंंस्‍ट्रक्‍शन फेज ( निर्देश भाग)   2. एक्‍जीक्‍यूशन फेज   (क्रियान्‍वयन भाग) 1. इंस्‍ट्रक्‍शन फेज मे सर्वप्रथम कंट्रोल यूनिट के द्वारा मेमोरी से पढ़ा जाता है । इसके बाद उस इंस्‍ट्रक्‍शन या निर्देश को सेंट्रल प्रोसेसर द्वारा डिकोड किया जाता है अर्थात समझकर उससे संबंधित डाटा को मेमाेेरी से निकाला जाता है ।  2. एक्‍जीक्‍यूशन फेज मे एएलयू के द्वारा उस निर्देश का क्रियान्‍वयन किया जाता है  इंस्‍ट्रक्‍श्‍ान टाइम - कि...

Introduction to Windows Operating System -2

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विन्‍डोज ऑपरेटिंग सिस्‍टम का परिचय - 2 विन्‍डोज ऑपरेटिंग सिस्‍टम की विशेषताऍंं -  1. ग्राफिकल यूजर इंटरफेस - लगभग सभी विन्‍डोज ऑपरेटिंग सिस्‍टम ग्राि‍फिकल यूजर इंटरफेस प्रदान करते हैं इसके कारण यूजर आसानी से एक एप्‍लीकेशन से दूसरी एप्‍लीकेशन तक पहुँच सकते हैं । एवं अत्‍यधिक सरलता से कम्‍प्‍यूटर का  प्रयोग कर सकते हैं ।  2. विन्‍डोज ईजी ट्रांंसफर - कम्‍प्‍यूटर बदलते समय या ऑपरेि‍टिंग सिस्‍टम बदलते समय सबसे    पहले हम पुरानी फाइल्‍स को नए कम्‍प्‍यूटर मे डालना चाहते हैै ।   हम  अपने पुराने कम्‍प्‍यूटर की फाइल्‍स , यूजर अकाउन्‍ट , फाइल्‍स्‍ा व फोल्‍डर , प्रोग्राम सेटिंग्‍स  इत्‍यादि सभी सेटिंग्‍स नये कम्‍प्‍यूटर मे डाल सकते हैं । इसके लिए हम केबल , सीडी , डीवीडी , यूएसबी  फ्लेश ड्राइव , नेटवर्क केबल  या एक एक्‍सर्टनल हार्ड डिस्‍क से यह ट्रांसफर कर सकते हैं ।  3. विन्‍डोज एनीटाइम अपग्रेड - इस फीचर की सहायता से हम अपने विन्‍डोज ओएस को कभी भी कोई दूसरे नवीन विन्‍डोज ओएस मे बदल सकते हैं । 4. सर्चिंग एंंड आर्गनाइजिंग - ...