Introduction to Microsoft Disk Operating System [MS DOS] in Hindi -1

एम. एस. डॉस का परिचय-1 
एम एस डॉस का पूरा नाम माइक्रोसॉफ्ट डिस्‍क ऑपरेटिंग सिस्‍टम है जो कि कमाण्‍ड लाइन इंटरफेस पर कार्य करता है इसे  टिम पीटरसन के द्वारा बनाया गया था एवं माइक्रोसॉफ्ट कंंपनी के द्वारा अगस्‍त 1981 मे लांच किया इसमे माउस के स्‍थान पर कंमाड्स का प्रयोग किया जाता है।   

1. यह एक सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम है ।
2. इसका इंटरफेस कमांड लाइन इंटरफेस (CLI) या केरेक्‍टर यूजर इंटरफेस कहलाता है । 
3. इसमे फाइलो को रखने के लिए हिरेरीकल (अनुक्रम) डायरेक्‍ट्री सिस्‍टम मौजूद रहता है । अर्थात रूट डायरेक्‍ट्री के अंदर विभिन्‍न डायरेक्‍ट्री मौजूद रहती है ।
डायरेक्‍ट्री एक एेसा लॉजिकल  स्‍थान है जहॉं हम विभिन्‍न फाइल्‍स एवं डायरेक्‍ट्री को अलग- अलग समूहो मे वर्गीकृत कर सकते हैं ।  
एम. एस डास मे मुख्‍य रूप से तीन फाइले मोजूद रहती है - 

1. MSDOS.SYS - 
2. IO.SYS - इसमे सिस्‍टम को शुरू करने से संबंधित कोड एवं बिल्‍ट इन डिवाइस ड्राइवर्स उपलब्‍ध रहते हैं ।   
3. COMMAND.COM - ये डास का वह भाग है जो कि कमाण्‍ड्स को  प्रोसेस कर उन्‍हे क्रियान्वित करने का कार्य करता है ।  
ये तीनो सिस्‍टम फाइल्‍स है जो कि डॉस को सिस्‍टम मे बूट कराने के लिए आवश्‍यक होती हैं 
     

कमाण्‍ड्स - एम एस डास मे यूजर कोई कार्य संपन्‍न कराने के लिए  जो निर्देश देता है वे निर्देश कमाण्‍ड्स कहलाते हैं ।  एम. एस. डॉस मे प्रत्‍येक निर्देश देने के लिए कमाण्‍ड्स एवं उनका प्रारूप तय है ।
यूजर उन कमाण्‍ड्स को  अपनी आवश्‍यकतानुसार उपयोग कर सकता है ।
कमाण्‍ड्स को मुख्‍य रूप से दो भागो मे बॉंटा जा सकता है -
1. इंटरनल कमाण्‍ड्स ।
2. एक्‍सर्टनल कमाण्‍ड्स ।

1. Internal Commands (इंटरनल कमाण्‍ड्स) - इंटरनल कमाण्‍ड्स वे कमांड होते है जो कि फाइल एवं डायरे‍क्‍ट्री पर बेसिक ऑपरेशन करने के लिए उपयोग किए जाते हैं । ये कमांड्स Command.com नामक फाइल मे सेव रहते हैं । तथा इनको चलाने के लिए कोई अलग से फाइल की आवश्‍यकता नही होती है ।
उदाहरण के लिए - cls, dir, Date, Time, ver, Copycon

2. External Commands (एक्‍सर्टनल कमाण्‍ड्स) - एक्‍सर्टनल कमाण्‍ड्स वे कमांड होते है जो कि कुछ कठिन कार्य करने के लिए उपयोग किए जाते हैं ये कमाण्‍ड्स Command.com नामक फाइल मे सेव नही रहते है    बल्कि एक अलग फाइल मे सेव रहते हैंं अर्थात यदि ये फाइले हमारे सिस्‍टम मे मौजूद नही है तो उन्‍हे चलाने के लिए अलग से फाइल को लोड करने की आवश्‍यकता होगी ।
उदाहरण के लिए - chkdsk, diskcopy, format, label , scandisk


   

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